विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अत्यधिक सोडियम सेवन से होने वाली गैर-संचारी बीमारियों के बोझ को कम करने के लिए, नमक का सेवन एक दिन में 5 ग्राम या लगभग एक चम्मच तक सीमित होना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोडियम के सेवन को कम करने पर अपनी पहली वैश्विक रिपोर्ट में कहा है कि ज्यादातर मौतें अत्यधिक सोडियम सेवन से जुड़ी हृदय संबंधी बीमारियों से होती हैं। डब्ल्यूएचओ ने भविष्यवाणी की थी कि दशक के अंत से पहले अत्यधिक नमक के सेवन से होने वाली बीमारियों से 7 मिलियन लोग मर सकते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक नमक की सबसे ज्यादा खपत चीन में होती है। एक चीनी व्यक्ति प्रतिदिन लगभग 10.9 ग्राम नमक का सेवन कर लेता है। प्रतिदिन 10 ग्राम प्रति व्यक्ति खपत के मामले में भारत 6वें नंबर पर है और बड़ी संख्या में मौतें हो सकती हैं।
कितना नमक काफी है
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार एक वयस्क व्यक्ति को रोजाना 2 ग्राम से ज्यादा सोडियम का सेवन नहीं करना चाहिए। सोडियम का मुख्य स्रोत नमक है। हम जो नमक खाते हैं वह सोडियम क्लोराइड है। इसमें 40 प्रतिशत सोडियम और 60 प्रतिशत क्लोराइड होता है। यानी अगर हम रोजाना 5 ग्राम नमक का सेवन करें तो मोटे तौर पर उसमें 2 ग्राम सोडियम होगा। इतना नमक हमारे लिए काफी है। लेकिन औसतन लोग रोजाना 9 से 12 ग्राम नमक खाते हैं। नमक के अत्यधिक प्रयोग से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 30 लाख लोगों की मौत होती है। WHO का कहना है कि अगर नमक की खपत में थोड़ी सी भी कमी कर दी जाए तो हर साल लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है.
ये हानिकारक प्रभाव नमक के अधिक सेवन से होते हैं
हार्वर्ड मेडिकल रिसर्च के मुताबिक जब शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ने लगती है तो किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ने लगता है। सोडियम रक्त की शिराओं में पहुंचकर दबाव बनाने लगता है। इस सोडियम को रक्त से बाहर निकालने के लिए अतिरिक्त पानी की आवश्यकता होती है। अगर खून में सोडियम की मात्रा लगातार ज्यादा रहेगी तो खून की नसों में भी पानी लगातार बना रहेगा। इससे खून पतला रहेगा। इन सबका परिणाम यह होगा कि रक्त और द्रव दोनों की मात्रा बढ़ जाएगी। जब रक्त की मात्रा अधिक होती है तो हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है और रक्त की शिराओं पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेल होने का खतरा कई गुना बढ़ जाएगा। कुछ अध्ययनों में यह दावा किया गया है कि अगर खून में सोडियम की मात्रा लगातार बनी रहे तो किडनी को भी नुकसान पहुंच सकता है और इससे हड्डियों को भी नुकसान हो सकता है।
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